
सेना को मांग के अनुरूप टेट्रा पैक दूध की आपूर्ति करने के लिए राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन (आरसीडीफ) ने स्वीडन से ढाई करोड़ रूपए की लागत से मशीन (टीबीए8) आयात की है। यह अत्याधुनिक टेट्रा पैकिंग मशीन अगले पन्द्रह दिनों में जयपुर डेयरी प्लांट में काम करना शुरू कर देगी। जयपुर डेयरी से सेना के अलावा दिल्ली, हरियाणा, कोलकाता व अन्य राज्यों में भी 35-40 लाख लीटर दूध हर वर्ष सप्लाई होता है।
करिगल युद्ध से की अहम भूमिका
करगिल युद्ध के समय यह टेट्रा पैक दूध सेना के लिए काफी उपयोगी साबित हुआ था। 20 लाख लीटर दूध की आपूर्ति करगिल युद्ध के समय बढ़कर 45 लाख लीटर पहुंच गई। यही वह समय था जब से सरस दूध जवानों को भा गया और उसकी निरंतर मांग बढ़ती गई। सूत्रों के मुताबिक, दूध की गुणवत्ता के चलते सेना में इसकी अधिक मांग है।
यूं बढ़ेगी आपूर्ति
वर्तमान में संचालित टेट्रा पैकिंग मशीन प्रतिदिन 30 हजार लीटर दूध ही पैक कर पा रही है, जबकि नई मशीन से इसकी गति 60 हजार लीटर प्रतिदिन हो जाएगी। वहीं यह दूध छह माह तक बिना रेफ्रिजरेशन के सुरक्षित रखा जा सकेगा।
सेना में सरस टेट्रा पैक दूध की अत्यधिक मांग को देखते हुए नई मशीन खरीदी गई है। इससे अछूते सैन्य क्षेत्रों में भी जल्द ही दूध की आपूर्ति शुरू हो सकेगी।
- ओ.पी. सैनी, प्रबंध संचालक, राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन
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