जोधपुर। सिरोही के निकट रामपुरा में सरस डेयरी का प्लांट लगाने के लिए जमीन अवाप्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका उच्च न्यायालय की खण्डपीठ ने खारिज कर दी। खण्डपीठ ने इस प्रकरण को जनता का हित प्रभावित करने वाला भी नहीं माना।
खण्डपीठ के न्यायाधीश एन.पी. गुप्ता एवं गोविन्द माथुर के समक्ष राजस्थान को-ऑपरेटिव ऑफ डेयरी फेडरेशन एवं ग्राम पंचायत की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता राकेश अरोडा ने कहा कि सिरोही कलक्टर की ओर से खसरा संख्या 661 को अधिगृहीत कर इससे सटे खसरा संख्या 715 को चारागाह क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। ऎसे में ग्रामवासियों को मवेशी चराने के लिए भूमि उपलब्ध हो गई है।
लिहाजा इससे जनहित प्रभावित होने की बात नहीं है। उन्होंने इस मामले में जालोर-सिरोही जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड रानीवाडा को पक्षकार नहीं बनाने एवं सरकार की ओर से जारी जमीन अधिग्रहण के पुष्टि आदेश को चुनौती नहीं देने पर भी एतराज जताया। इस पर सुनवाई के बाद खण्ठपीठ ने याचिका खारिज कर दी। उल्लेखनीय है कि डेयरी प्लांट लगाने के लिए सिरोही कलक्टर ने 1.94 हैक्टेयर भूमि अधिगृहीत की थी। ग्रामीणों की ओर से बलवंतसिंह एवं अन्य ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए नियम विरूद्ध बताया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें