सोमवार, 31 मार्च 2008

अब सिरोही में श्वेत क्रांन्ति का होगा आगाज

Kendra सरकार के द्वारा वित्त पोषित ग्राम सहकारी डेयरी संरचना के माध्यम से पशुपालक व कृषक वर्ग को स्वरोजगार देने के उद्देश्य से शुरु की गई सघन डेयरी विकास कार्यक्रम के तहत सिरोही जिला मुख्यालय पर २० हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता के डेयरी संयत्र निर्माण की स्वीकृति मिली है। इस परियोजना की लागत २९० लाख रुपए आएगी।

जसमूल के चेयरमैन राघवेंद्रसिंघ देवडा के अनुसार संयत्र की स्थापना को लेकर भूमि की समस्या आ रही थी, परंतु बीसूका प्रदेशउपाध्यक्ष अर्जुनसिंघ सा के सहयोग से सिरोही जिला प्रशासन ने वेरापुरा में हाई-वे पर २० बीघा जमीन का रियायती दर पर आवंटन कर दिया गया है। शीघ्र निर्माण को लेकर आरसीडीएफ जयपुर ने निविदा भी आमंत्रित कर दी गई है।


प्रबंध संचालक सोहन बरड़वा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत सन् २०१०-११ तक सिरोही जिला में १३० कार्यशील समितियों का गठन, लगभग ७८ सौ पशुपालकों व दुग्धउत्पादकों को संघ से जोड़ कर १६ हजार किग्रा दुध का रोजाना संकलन किया जाएगा। जिसमें से १३ हजार लीटर दुग्ध सिरोही जिले के कई कस्बे में ही तरल रुप में बिक्री किया जाएगा। इस तरह ८० हजार उपभोक्ता लाभान्वित हो सकेंगे। बकौल, बरड़वा सिरोही जिले का दुग्ध सिरोही में बिक्री होने से परिवहन व्यय की बचत हो सकेगी, जिससे संघ के द्वारा दुग्ध उत्पादकों को बेहतर दर दी जा सकेगी। इस तरह यह योजना सिरोही जिला मुख्यालय के विकास एवं दुग्ध उत्पादकों के आर्थिक व सामाजिक उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करेगी।

शनिवार, 29 मार्च 2008

ड़ेयरी की आमसभा में देवड़ा ने कि अनेकों घोषणाएं


जालोर-सिरोही जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड़ की ऒर से संचालित स्थानीय डेयरी में शनिवार २९ मार्च को चेयरमैन राघवेन्द्रसिंह देवड़ा की अध्यक्षता और प्रबंध संचालक सोहन बरड़वा की देखरेख में वार्षिक आमसभा हुई।
इस मौके पर देवड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधराराजे ने इस बजट में राज्य की डेयरियों के लिए करोडों रुपए का बजट स्वीकृत कर राज्य में श्वेत क्रान्ति लाने का प्रयास किया है। उन्होंने दूध का खरीद मूल्य २८० रुपए प्रति किग्रा फैट कर राज्य के दूध उत्पादकों का आर्थिक स्तर उंचा उठाने में मदद की है।
देवड़ा ने कहा कि जिन समितियों पर रानीवाड़ा ड़ेयरी का बैनर होने के उपरांत काम अन्य निजी डेयरियों का करती है, उनकी सदस्यता अतिशीघ्र रद्द कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादकों के निवेदन पर डेयरी के सामने रोड़वेज बसों का प्रार्थनिय बस स्टेण्ड़ शुरु किया जाएगा। इसी तरह डेयरी हर साल ५० लाख से ज्यादा राशि कर के रुप में भीनमाल कृषि मंडी को जमा कराती है। उसके ऎवज में मंडी ने डेयरी विकास के लिए कुछ विशेष नही किया है। इस वर्ष मंडी को ३० लाख की लागत का किसान गेस्ट हाउस बनाने का प्लान भेजा है, जो शीघ्र स्वीकृत हो जाएगा। देवड़ा ने बताया कि दुग्धउत्पादकों की समस्याऒ के त्वरित समाधान के लिए डेयरी शीघ्र २४ घंटे सेवा देने वाली हैल्पलाईन शुरु करने जा रही है। उन्होंने कहा कि १ अप्रेल से २८० रुपए की दर होने पर दुग्ध की आवक दोगुनी होने की संभावना है, अतः मार्केटिंग डिवीजन को दुग्ध के विपणन के कमर कस के तैयार रहना होगा। किसी भी कर्मचारी की गलती से डेयरी को होने की स्थिति में कर्मचारी के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
प्रबंध संचालक सोहन बरड़वा ने कहा कि रानीवाड़ा डेयरी इस वर्ष उत्तरोतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है, कम समय में लाखों रुपयों की आय होना कुशल टीम वर्क का काम है। डेयरी प्रशासन ने अभी तक दुग्धउत्पादकों को बीमा क्लेम राशि के रुप में १२ लाख रुपए का भुगतान कर दिया है। डेयरी के युवा चेयरमैन कुवंर राघवेंद्रसिंह की पहल पर डेयरी ने अहमदाबाद में दुध के वितरण करने का हिम्मत भरा निर्णय लिया है, जहां पूर्व में भीलवाड़ा व उदयपुर डेयरी असफल हो चुकी है। परंतु हम वहा प्रथम दिन ५००० लीटर दुध का वितरण कर गुजरात की अमूल डेयरी को सोचने के मजबूर कर दिया कि हौसलें बुलन्द हो तो इंसान बिना परों के उड़ सकता है। बरड़वा ने कहा कि अहमदाबाद में ५ लीटर के पैक की डिमांड ज्यादा होने के डेयरी प्रशासन ने ५ लीटर के पेकिंग की मशीन जिसका मूल्य १२ लाख होता है, उसका आर्डर दे दिया है। इस मशीन के आने बाद अहमदाबाद में दुग्ध की बिक्री तीन गुनी होने की संभावना है।
डेयरी की ९ वीं आमसभा में संचालक महैंद्रसिंघ राड़बर, केसाराम विश्नोई, तगसिंघ सरवाणा, सावंताराम विश्नोई सांकड, सोमाराम चौधरी वगतापुरा, हंसाराम दहीपुर सहित कई समितियों के अध्यक्षों ने भाग लिया। जोइला समिति के अध्यक्ष भवंरसिंघ सोलंकी ने आमसभा में कई सकारात्मक विचार प्रस्तुत किए।आमसभा का संचालन दिलीप कुमार के द्वारा किया गया। बाद में सभी का सामूहिक भोज का भी आयोजन किया गया। भोज के दौरान सभी सदस्यों ने व्यक्तिगत रुप से चेयरमैन व प्रबंध संचालक से अनेकों विषयों पर चर्चा वगैराह भी की।

सोमवार, 3 मार्च 2008

जिला कलेक्टर के द्वारा राज्य स्तर पर सम्मानित


रानीवाड़ा की जसमूल ड़ेयरी ने वित्तिय वर्ष २००७-०८ के दौरान दुग्ध उत्पादकों को लाखों रुपयों का फायदा दिलाया। डेयरी के द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने पर प्रबंधक संचालक को २६ जनवरी २००८ को जिला कलेक्टर के द्वारा राज्य स्तर पर सम्मानित किया गया। गौरतलब यह है कि संस्था के संस्थापन वर्ष १९८६ में मात्र ५ समितियों के ४ सौ सदस्यों के द्वारा ६ सौ किग्रा प्रतिदिन दुध के संकलन से प्रारंम्भ यह संस्था ५२५ से ज्यादा पंजीकृत व प्रस्तावित समितियों लगभग ३० हजार सदस्यों के माध्यम से ५० हजार किलो दुग्ध के संकलन के किर्तिमान को छुने जा रही है।