सोमवार, 4 अक्टूबर 2010
बालोत निर्विरोध निर्वाचित
जालोर-सिरोही जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि. द्वारा संचालित जसमूल डेयरी के चुनाव में आज जोगसिंह बालोतनिर्विरोध चैयरमैन पद पर चुने गए। निर्वाचन अधिकारी सोहनलाल लखानी ने बताया कि आज शुक्रवार को चुनावी प्रक्रिया के तहत एक मात्र बालोत का नामांकन रहने पर उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। घोषणा होते ही उनके समर्थकों ने नारेबाजी कर खुशी जाहिर कर उन्हें फुलमालाएं पहनाकर स्वागत किया। बाद में उन्होंने चैयरमैन पद के लिए शपथ ग्रहणकर विधिवत तरीके से कार्यभार संभाला। संचालक मंडल के सभी सदस्यों का भी मालाओं से स्वागत किया गया। इस अवसर पर वगताराम पाल, जलालखां, समंदरदेवी, शंकरलाल व ऐलचीदेवी सहित एमडी एम.एल.गरवा, दिलीपकुमार सहित डेयरी के समस्त स्टॉफ ने भी भाग लिया।
शनिवार, 23 जनवरी 2010
सरस के विरूद्ध याचिका खारिज
जोधपुर। सिरोही के निकट रामपुरा में सरस डेयरी का प्लांट लगाने के लिए जमीन अवाप्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका उच्च न्यायालय की खण्डपीठ ने खारिज कर दी। खण्डपीठ ने इस प्रकरण को जनता का हित प्रभावित करने वाला भी नहीं माना।
खण्डपीठ के न्यायाधीश एन.पी. गुप्ता एवं गोविन्द माथुर के समक्ष राजस्थान को-ऑपरेटिव ऑफ डेयरी फेडरेशन एवं ग्राम पंचायत की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता राकेश अरोडा ने कहा कि सिरोही कलक्टर की ओर से खसरा संख्या 661 को अधिगृहीत कर इससे सटे खसरा संख्या 715 को चारागाह क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। ऎसे में ग्रामवासियों को मवेशी चराने के लिए भूमि उपलब्ध हो गई है।
लिहाजा इससे जनहित प्रभावित होने की बात नहीं है। उन्होंने इस मामले में जालोर-सिरोही जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड रानीवाडा को पक्षकार नहीं बनाने एवं सरकार की ओर से जारी जमीन अधिग्रहण के पुष्टि आदेश को चुनौती नहीं देने पर भी एतराज जताया। इस पर सुनवाई के बाद खण्ठपीठ ने याचिका खारिज कर दी। उल्लेखनीय है कि डेयरी प्लांट लगाने के लिए सिरोही कलक्टर ने 1.94 हैक्टेयर भूमि अधिगृहीत की थी। ग्रामीणों की ओर से बलवंतसिंह एवं अन्य ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए नियम विरूद्ध बताया।
गुरुवार, 24 दिसंबर 2009
सरस के विरूद्ध याचिका खारिज
जोधपुर। सिरोही के निकट रामपुरा में सरस डेयरी का प्लांट लगाने के लिए जमीन अवाप्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका उच्च न्यायालय की खण्डपीठ ने खारिज कर दी। खण्डपीठ ने इस प्रकरण को जनता का हित प्रभावित करने वाला भी नहीं माना।
खण्डपीठ के न्यायाधीश एन.पी. गुप्ता एवं गोविन्द माथुर के समक्ष राजस्थान को-ऑपरेटिव ऑफ डेयरी फेडरेशन एवं ग्राम पंचायत की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता राकेश अरोडा ने कहा कि सिरोही कलक्टर की ओर से खसरा संख्या 661 को अधिगृहीत कर इससे सटे खसरा संख्या 715 को चारागाह क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। ऎसे में ग्रामवासियों को मवेशी चराने के लिए भूमि उपलब्ध हो गई है।
लिहाजा इससे जनहित प्रभावित होने की बात नहीं है। उन्होंने इस मामले में जालोर-सिरोही जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड रानीवाडा को पक्षकार नहीं बनाने एवं सरकार की ओर से जारी जमीन अधिग्रहण के पुष्टि आदेश को चुनौती नहीं देने पर भी एतराज जताया। इस पर सुनवाई के बाद खण्ठपीठ ने याचिका खारिज कर दी। उल्लेखनीय है कि डेयरी प्लांट लगाने के लिए सिरोही कलक्टर ने 1.94 हैक्टेयर भूमि अधिगृहीत की थी। ग्रामीणों की ओर से बलवंतसिंह एवं अन्य ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए नियम विरूद्ध बताया।
मंगलवार, 24 नवंबर 2009
सरस दूध एक रूपए महंगा
यूं बनी स्थिति!
सूत्रों के मुताबिक दूध उत्पादकों को अधिक दर से भुगतान करने के चलते लागत मूल्य बढ़ गया था। अधिक मात्रा में दूध संकलन हो, इसके लिए दुग्ध संघ अपने-अपने स्तर पर दुग्ध उत्पादकों को 280 से 350 रूपए प्रति किलोग्राम फैट की दर से भुगतान कर रहा है, जो गत वर्ष इस दौरान 280 रूपए ही थी। जयपुर जिला दुग्ध संघ में यह दर 340 रूपए है। इससे आर्थिक भार बढ़ गया था।
शुक्रवार, 23 अक्टूबर 2009
गरवा ने संभाला पदभार
रानीवाड़ा। जालोर सिरोही जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ द्वारा संचालित रानीवाड़ा की जसमूल डेयरी में प्रबंध संचालक के स्थानांतरण आदेश रद्द होने के बाद हड़ताल समाप्त कर दी गई है। डेयरी में दुग्ध का संकलन, अवशीतन, पैकिंग व मार्केटिंग का कार्य शुरू हो गया है। दोनो जिलों में दुग्ध का वितरण सामान्यतया चल रहा है। आज शुक्रवार को नए प्रबंध संचालक मोहनलाल गरवा ने निवर्तमान प्रबंध संचालक ए.सी. भंड़ारी के पास के कार्यभार ग्रहण किया। भंड़ारी का आज डेयरी परिसर में विदाई समारोह का कार्यक्रम रखा गया। जिसमें डेयरी के समस्त कर्मचारियों, दुग्ध उत्पादक समितिओं के अध्यक्ष व सचिवों ने माल्यार्पण कर व माथे पर टिका लगाकर विदाई दी। भंड़ारी ने सभी कर्मचारियों का आभार जताते हुए कहा कि लघु कार्यकाल के दौरान उनके सहयोग से ही डेयरी ने लाखों रूपए का मुनाफा कमाया है। डेयरी चैयरमेन राघवेंद्रसिंह ने कहा कि प्रबंध संचालक का तबादला रद्द होने की मांग सरकार ने विलंब से मानी है, कर्मचारी यूनियन व दुग्ध उत्पादकों की जीत हुई है। उन्होंने कहा कि उक्त प्रबंध संचालक के विरूद्ध जांच जारी है। तथा आरसीडीएफ अतिशीघ्र आरोप ठहरा कर उसे निलंबित करेगी। उन्होंने सोहन बरड़वा का तबादला भीलवाड़ा डेयरी में डिप्टी मेनेजर के पद पर करने पर भी नाराजगी जताई। देवड़ा ने इस अभियान में सहयोग नहीं देने वाले दो संचालक सदस्यों को भविष्य में कोई प्रकार का अवसर नही देकर सबक सिखाने की बात कही। नवकार्यरत प्रबंध संचालक मोहनलाल गरवा ने भी डेयरी स्टाफ से सहयोग देने की अपील कर कहा कि डेयरी की गुणात्मक प्रगति की जाएगी। इस अवसर पर संचालक सदस्य महेन्द्रसिंह देवड़ा, सचिव अध्यक्ष कोहलाराम विश्रोई, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष दिलीप कुमार सहित कई जनों ने भाग लिया।
गुरुवार, 22 अक्टूबर 2009
डेयरी की हड़ताल समाप्त, अब होंगे गरवा प्रबंध संचालक

रविवार, 9 अगस्त 2009
सरस टेट्रा पैक दूध, सेना को भाया

सेना को मांग के अनुरूप टेट्रा पैक दूध की आपूर्ति करने के लिए राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन (आरसीडीफ) ने स्वीडन से ढाई करोड़ रूपए की लागत से मशीन (टीबीए8) आयात की है। यह अत्याधुनिक टेट्रा पैकिंग मशीन अगले पन्द्रह दिनों में जयपुर डेयरी प्लांट में काम करना शुरू कर देगी। जयपुर डेयरी से सेना के अलावा दिल्ली, हरियाणा, कोलकाता व अन्य राज्यों में भी 35-40 लाख लीटर दूध हर वर्ष सप्लाई होता है।
करिगल युद्ध से की अहम भूमिका
करगिल युद्ध के समय यह टेट्रा पैक दूध सेना के लिए काफी उपयोगी साबित हुआ था। 20 लाख लीटर दूध की आपूर्ति करगिल युद्ध के समय बढ़कर 45 लाख लीटर पहुंच गई। यही वह समय था जब से सरस दूध जवानों को भा गया और उसकी निरंतर मांग बढ़ती गई। सूत्रों के मुताबिक, दूध की गुणवत्ता के चलते सेना में इसकी अधिक मांग है।
यूं बढ़ेगी आपूर्ति
वर्तमान में संचालित टेट्रा पैकिंग मशीन प्रतिदिन 30 हजार लीटर दूध ही पैक कर पा रही है, जबकि नई मशीन से इसकी गति 60 हजार लीटर प्रतिदिन हो जाएगी। वहीं यह दूध छह माह तक बिना रेफ्रिजरेशन के सुरक्षित रखा जा सकेगा।
सेना में सरस टेट्रा पैक दूध की अत्यधिक मांग को देखते हुए नई मशीन खरीदी गई है। इससे अछूते सैन्य क्षेत्रों में भी जल्द ही दूध की आपूर्ति शुरू हो सकेगी।
- ओ.पी. सैनी, प्रबंध संचालक, राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन