
शनिवार, 1 नवंबर 2008
स्लिम दूध बिक्री के लिए जारी

मंगलवार, 1 जुलाई 2008
दुग्ध उत्पादकों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना
आरसीडीएफ के तत्वावधान में प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों को चिकित्सा व्यय पुनर्भरण के लिए सरस सामुहिक आरोग्य बीमा योजना फैज तृतीय लागू की गई है। इस काम के लिए आरसीडीएफ के एमडी मधुकर गुप्ता व राज्य बीमा आयोग के आयुक्त सोहनलाल ने एक वर्षीय करार पर दस्तखत किए है।
उक्त योजना के तहत दुग्ध उत्पादकों को साधारण बिमारियों में प्रति परिवार एक लाख रुपए और विशेष बिमारियों में दो लाख रुपए तक का चिकित्सा पुनर्भरण का लाभ मिल सकेगा। इस योजना के तहत बीमा प्रिमियम पर सपरिवार ३८८ रुपए व व्यक्तिगत दुग्ध उत्पादक के लिए २५० रु व्यय होंगे। इन मेसे साढे बारह प्रतिशत राशि आरसीडीएफ व रानीवाड़ा डेयरी संघ, तीस प्रतिशत राशि संबंधित दुग्ध समिति एवं शेष राशि दुग्ध उत्पादक सदस्य द्वारा वहन की जाएगी। रानीवाड़ा डेयरी के अध्यक्ष राघवेन्द्रसिंह देवड़ा व प्रबंध संचालक सोहन बरड़वा ने उक्त बीमा योजना की जानकारी देते हुए बताया कि उक्त योजना दुग्ध उत्पादकों को सामाजिक सुरक्षा व साधारण अथवा गंभीर बिमारियो की स्थिति में चिकित्सा पुनर्भरण की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लागू की जा रही है जोकि संघ के सदस्यों के हितार्थ एवं अतिलाभदायक रहेगी।
रविवार, 29 जून 2008
हेल्दी हार्ट के लिए पीएं बिना मलाई वाला दूध

एक अमेरिकी रिसर्च में यह बात सामने आई है कि अगर इंसान रोजाना एक ग्लास बिना मलाई वाला दूध पीता है, तो उसे दिल से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा बहुत कम हो जाता है। रिसर्चरों ने पाया कि वयस्क लोग अगर दिन में एक बार भी कम फैट वाला दूध या दूध से बने उत्पाद का इस्तेमाल करते हैं, तो उनकी किडनी में खराबी की दर तुलनात्मक रूप से 37 फीसदी कम हो जाती है। किडनी के फंक्शन में खराबी आने से दिल पर बुरा असर पड़ता है। स्टडी बताती है कि दूध में पाए जाने वाले प्रोटीन, विटामिन डी, मैग्नीशियम और कैल्सियम इसे दिल के लिए दमदार ड्रिंक बनाते हैं। इन नतीजों पर पहुंचने से पहले रिसर्चरों ने 5 हजार से भी ज्यादा लोगों के किडनी फंक्शन चेक किए। ये सभी लोग उम्र में 45 से 84 साल के बीच थे। स्टडी में इन लोगों के खान-पान के पैटर्न का ट्रैक रेकॉर्ड रखा गया। इसके साथ ही एल्बूमिन और क्रिएटिनाइन के रेश्यो (एसीआर) की भी जांच की गई। यह रेश्यो किडनी की हेल्थ जानने के लिए बतौर इंडिकेटर काम करता है। अगर रेश्यो बहुत लो है, तो किडनी ठीक से फंक्शन नहीं कर रही है। अगर हाई है तो कार्डियोवस्कुलर डिजीज का रिस्क बहुत ज्यादा है। स्टडी में देखा गया कि जो लोग लो फैट वाला दूध या इससे बने उत्पाद ज्यादा खाते हैं, उनका एसीआर कम है, यानी किडनी फंक्शन अच्छे स्वास्थ्य की गवाही दे रहे हैं। स्टडी में एक और बात पता चली कि कम फैट वाले दूध उत्पादों का सेवन करने वाले लोगों में किडनी से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा भी बहुत कम हो जाता है।
सोमवार, 12 मई 2008
गुरुवार, 3 अप्रैल 2008
दुग्ध उत्पादकों को बीमा कवरेज

मंगलवार, 1 अप्रैल 2008
दुग्ध मार्केटिंग में हुई उत्तरोतर वृद्धि

सोमवार, 31 मार्च 2008
अब सिरोही में श्वेत क्रांन्ति का होगा आगाज

जसमूल के चेयरमैन राघवेंद्रसिंघ देवडा के अनुसार संयत्र की स्थापना को लेकर भूमि की समस्या आ रही थी, परंतु बीसूका प्रदेशउपाध्यक्ष अर्जुनसिंघ सा के सहयोग से सिरोही जिला प्रशासन ने वेरापुरा में हाई-वे पर २० बीघा जमीन का रियायती दर पर आवंटन कर दिया गया है। शीघ्र निर्माण को लेकर आरसीडीएफ जयपुर ने निविदा भी आमंत्रित कर दी गई है।
प्रबंध संचालक सोहन बरड़वा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत सन् २०१०-११ तक सिरोही जिला में १३० कार्यशील समितियों का गठन, लगभग ७८ सौ पशुपालकों व दुग्धउत्पादकों को संघ से जोड़ कर १६ हजार किग्रा दुध का रोजाना संकलन किया जाएगा। जिसमें से १३ हजार लीटर दुग्ध सिरोही जिले के कई कस्बे में ही तरल रुप में बिक्री किया जाएगा। इस तरह ८० हजार उपभोक्ता लाभान्वित हो सकेंगे। बकौल, बरड़वा सिरोही जिले का दुग्ध सिरोही में बिक्री होने से परिवहन व्यय की बचत हो सकेगी, जिससे संघ के द्वारा दुग्ध उत्पादकों को बेहतर दर दी जा सकेगी। इस तरह यह योजना सिरोही जिला मुख्यालय के विकास एवं दुग्ध उत्पादकों के आर्थिक व सामाजिक उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करेगी।
शनिवार, 29 मार्च 2008
ड़ेयरी की आमसभा में देवड़ा ने कि अनेकों घोषणाएं

सोमवार, 3 मार्च 2008
जिला कलेक्टर के द्वारा राज्य स्तर पर सम्मानित
